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उर्वशिया मन के भीतर का जाल

तुमने कथाएं पढ़ी हैं न, कि ऋषि ने बहुत साधना की और साधना के अंत में अप्सराएं आ गईं आकाश से। उर्वशी आ गई और उसके चारों तरफ नाचने लगी। पोरनोग्रेफी नई नहीं है। ऋषि— मुनियों को उसक...

परमात्मा हमें चारों तरफ से घेरे हुए है!

मैंने सुना है, एक मछली बचपन से ही सुनती रही थी सागर की, महासागर की बातें। शास्त्रों में भी मछलियों के महासागर की बातें लिखी हैं। बड़े ज्ञानी थे जो मछलियों में, वे भी महासागर क...

जिंदगी बीत जाती है, सूरज नहीं निकलता.

एक सुबह अभी सूरज भी निकला नहीं था और एक मांझी नदी के किनारे पहुंच गया था। उसका पैर किसी चीज से टकरा गया। झुक कर उसने देखा, पत्थरों से भरा हुआ एक झोला पड़ा था। उसने अपना जाल किना...

आदतों से मुक्त होओ!

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*आदतों से मुक्त होओ!* मैंने सुना है, मुल्ला नसरुद्दीन जा रहा था रास्ते से बिलकुल घसिटता, गालियां देता हुआ। डाक्टर मिल गया। उसने कहा कि क्योंकि इतनी गालियां दे रहे हो, बात क्या है? उसने कहा: मेरे पैर में बड़ी तकलीफ है। डाक्टर ने कहा, तुम मेरे साथ आओ, गालियां देने से क्या होगा! डाक्टर ने कहा कि तुम्हारे अपेंडिक्स को निकालना पड़ेगा। डाक्टर ने बहुत जांच की। जब डाक्टर बहुत जांच करे और कुछ न मिले, तो अपेंडिक्स निकालता है। पक्का समझ लेना, जब भी डाक्टर कहे अपेंडिक्स, समझ लेना कि उसको कुछ मिल नहीं रहा है। अपेंडिक्स बिलकुल निर्दोष चीज है। उसको निकाल बाहर कर दिया। मगर दर्द था सो जारी ही रहा। दूसरे डाक्टर के पास नसरुद्दीन गया कि भई, होगा क्या मामला? अपेंडिक्स भी निकल गई! उसने कहा कि तुम्हारे टान्सिल निकाल पड़ेंगे। जब अपेंडिक्स निकल जाए, तो टान्सिल। टान्सिल भी निकल गया, मगर दर्द जारी रहा। तीसरे के पास गया, उसने कहा कि तुम्हारे दांत बदलने पड़ेंगे। दांत भी निकल गए, मगर दर्द था सो जारी का जारी रहा। हालत भी खराब हो गई दांत निकल गए, अपेंडिक्स निकल गई, टान्सिल निकल गए…अब कुछ निकलने को बचा भी नहीं बस...

कितनी अच्छी सुबह है!

लाओत्से रोज घूमने जाता है।एक मित्र उसके साथ जाता है। वे दो घंटे तक घूमते हैं पहाड़ों पर, फिर लौट आते हैं। फिर एक मेहमान आया हुआ है। तो वह मित्र उसे लाता है और कहता है कि हमारे म...

न तो धन बुरा है, न पद।

भगवान! धन और पद के संबंध में आपके क्या विचार हैं? न तो धन बुरा है, न पद। ध्यान हो तो सब सुंदर है;ध्यान न हो तो कुछ भी सुंदर नहीं है। ध्यान हो तो धन भी सृजनात्मक है। ध्यानी के पास धन ह...

हीरे की परख जौहरी ही जानता है

ऐसा हुआ, सूफी फकीर हुआ झुन्नून एक आदमी उसके पास आया और उसने झुन्नुन को कहा कि यह सब बकवास है। मैं कई सूफियों के पास गया, यह सब बातचीत है, कुछ नहीं पाया। वह फलां सूफी है, धोखेबाज ह...